सूचना! सूचना दिनांक माघ बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर पंचदिवसीय महायज्ञ विश्व के कल्याण के लिए मृत्युंजय मंदिर वाराणसी , में अनुष्ठान पूजन यज्ञ शुरू होगा. इस अनुष्ठान/यज्ञ में आप संस्था के सभी सदस्य/पदाधिकारी/आम जनमानस को प्रतिभाग लेने हेतु सादर आमंत्रण. "नोट: सभी आगंतुकों से अनुष्ठान के आयोजन एवं प्रस्तावित भंडारे में निज शक्ति के अनुसार सहयोग/दान संस्था के कोष में उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध" दान/सहयोग के बाद समिति के पर्ची अवश्य ले लेवें।!
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हमारा संस्था

श्री सदा शिव अनुष्ठान पूजन समिति (रजि० 01778), रुद्रपुर, देवरिया, उ०प्र० - 274204 दुग्धनाथ: कृत पूजा हंसकपुरी प्रदक्षिणा।। मनोवांछित फलं प्राप्य ब्रह्महत्या विवार्तितः।।

विश्व कल्याण हेतु आयोजित इस धर्म-अनुष्ठान में प्रतिभाग/योगदान हेतु क्लिक करें - महाकालस्य याल्लिंगम दुग्धेश्मिति बिश्रुतम ॥


॥ (पद्म पुराण) ॥ सानंद मानंद बने बसंत ॥ आनंद कंद हत पाप बृंदम ॥ रुद्रपुरी नाथं नाथ नाथम् ॥ श्री दुग्धनाथं शरणम प्रपद्ये ॥


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प्रबंध-कार्यकारिणी

श्री दीपनारायण पाण्डेय

(अध्यक्ष)

श्री पुरुषोत्तम पांडे

(उपाध्यक्ष)

श्री तुलसीराम पांडे

(महामंत्री)

श्री शैलेन्द्र पाण्डेय

(कोषाध्यक्ष)

श्री धर्मवीर पांडे

(कार्यालय प्रभारी)

श्री भवानी शंकर शास्त्री

(प्रचार मंत्री,कुंडली विशेषज्ञ)

श्री राहुल पांडे

(सलाहकार)

श्री अखिलेश पांडे

(संगठन मंत्री)

श्री बृजेश पांडे

(व्यवश्थापक)

श्री देवीदीन पांडे

(प्रवक्ता)

श्री बाल शिवम पांडे

(आयोजक)

श्री गिरीश पांडे

(संयोजक)

श्री शिवानंद पांडे

(यज्ञशाला संरक्षक)

श्री देवीप्रसाद पांडे

(सह यज्ञशाला संरक्षक)

श्री वतन पांडे

( मीडिया प्रभारी)

मंदिर परिचय

श्री दुग्धेश्वर नाथ महादेव मंदिर अत्यंत ही प्राचीन मंदिर है। उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद मुख्यालय से तकरीबन 23 किमी दूर स्थित रुद्रपुर उपनगर, उपकाशी के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास पुराना है। चार वर्ष पर लगने वाले अधिक मास पर इस धार्मिक स्थल का विशेष महत्व है। नीसक पत्थर से बने शिवलिंग को महाकालेश्वर उज्जैन का उपज्योर्तिलिंग माना जाता है। मान्यता है कि शिवलिंग के स्पर्श मात्र से ही कष्ट दूर हो जाते हैं। श्री सदा शिव अनुष्ठान पूजन समिति, रजि० 01778 (सोसायटी एक्ट - 1860, उ०प्र०) रजि० - कार्यालय , रुद्रपुर धर्माथ उत्थान के प्रयासों हेतु समर्पित एक संस्था है. समिति एवं समिति के सदस्यों का एक मात्र प्रयास है कि आधुनिकता की चकाचौध में सनातन धर्म के जिनआदर्शों और मूल्यों को लोग भूलते जा रहें हैं उनकी पुनर्स्थापना करना. जिससे कि पुनः भारतवर्ष विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर हो सके. संस्था के उद्देश्य निम्नलिखित हैं...

संस्था परिचय

1. सनातन धर्मं का प्रचार प्रसार करना. 2. संस्कृत भाषा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना. 3. समाज में फैले हुए कुरीतियों एवं अंधविश्वासों को दूर कर धर्म के वास्तविक स्वरूप का भान कराना. 4. गरीब कन्याओं का दहेज़ रहित सामूहिक विवाह कराना.
5. पर्यावरण के प्रति सचेत रहना तथा वृक्ष लगाना व् लगाने के लिए प्रेरित करना. 6. प्राकृतिक आपदा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना व् समयोचित सहयोग करना व् लोगों को प्रेरित करना. 7. भारतवर्ष के विभिन्न हिन्दू धर्मस्थलों पर पर्वानुसार कार्यक्रम आयोजित करना. 8. गो सेवा व् गो वंश के रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना. 9. समाज में फैले जाती, उपजाति को ख़त्म कर के समभाव की स्थापना के लिए सदैव तत्पर रहना.
10. भगवान शिव शक्ति को सर्व समर्पित करते हुए प्रत्येक वर्ष अनुष्ठान व् यज्ञ का आयोजन करना जिसका उद्देश्य विश्व का कल्याण है. 11. सत्यम शिवम् सुन्दरम की अवधारणा को समिति परिवार अंतिम सत्य मानता है व् इसमें पूर्ण निष्ठा रखता है. 12. भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना व् परम्पराओं को सम्मान सहित आगे बढ़ाना.

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कार्यालय पता

रुद्रपुर, देवरिया, उ०प्र० +91 9793935276, +91 9956794928,+91 9993452965
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